जीवनी/आत्मकथा >> चन्द्रशेखर आज़ाद : विवेकशील क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद : विवेकशील क्रान्तिकारीमालवेन्द्र जीत सिंह वारैच
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चन्द्रशेखर आज़ाद : विवेकशील क्रान्तिकारी
Chandershekhar Azad: Viveksheel Krantikari by Malwinder Jit Singh Waraich & Rajwanti
‘चन्द्रशेखर आज़ाद : विवेकशील क्रान्तिकारी’ प्रत्येक भारतीय के लिए एक अनिवार्य पाठ्य पुस्तक की तरह है। चन्द्रशेखर आज़ाद ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में महानायक की भूमिका निभाई। सच्चे अर्थों में उनका तन-मन-धन भारतमाता की सेवा में समर्पित रहा। वे आज़ाद जिए और अन्त तक पुलिस के हाथ न आये।
आज़ाद ने अपने साहसी व्यक्तित्व से आज़ादी के देशव्यापी अभियान को क्रान्ति की अद्भुत गरिमा प्रदान की। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर असंख्य युवाओं ने क्रान्ति के मार्ग पर कदम बढ़ाए। सरदार भगत सिंह के साथ तो आज़ाद का विशेष लगाव था। इस पुस्तक के अनुसार, ‘भगत सिंह को आज़ाद केवल पार्टी के एक सदस्य के नाते ही नहीं देखते थे, बल्कि उन्हें अपने भाई की तरह, अपने परिवार के व्यक्ति की तरह मानते और अत्यधिक स्नेह करते थे।’ सत्य तो यह है कि आज़ाद को प्रत्येक क्रान्तिकारी में अपना ही रूप दिखाई देता था।
प्रस्तुत पुस्तक अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के जीवन-वृत्तान्त के साथ उनके युग की महान गाथा रेखांकित करती है। समकालीन संदर्भों में यह पुस्तक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हो उठती है।
आज़ाद ने अपने साहसी व्यक्तित्व से आज़ादी के देशव्यापी अभियान को क्रान्ति की अद्भुत गरिमा प्रदान की। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर असंख्य युवाओं ने क्रान्ति के मार्ग पर कदम बढ़ाए। सरदार भगत सिंह के साथ तो आज़ाद का विशेष लगाव था। इस पुस्तक के अनुसार, ‘भगत सिंह को आज़ाद केवल पार्टी के एक सदस्य के नाते ही नहीं देखते थे, बल्कि उन्हें अपने भाई की तरह, अपने परिवार के व्यक्ति की तरह मानते और अत्यधिक स्नेह करते थे।’ सत्य तो यह है कि आज़ाद को प्रत्येक क्रान्तिकारी में अपना ही रूप दिखाई देता था।
प्रस्तुत पुस्तक अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के जीवन-वृत्तान्त के साथ उनके युग की महान गाथा रेखांकित करती है। समकालीन संदर्भों में यह पुस्तक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हो उठती है।
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